इस्लाम की नज़र मैं आलिम कोन ??

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यह एक आम धारणा है जो संसार के समस्त मुसलमानों के बीच आम है यानि एक ऐसा शख़्स जो मदरसे में पढ़ाई पूरी कर आलिम की सनद/डिग्री लेता है..सामान्यतः ”आलिम” माना जाता है…
और उनको ऐसा दर्जा दिया जाता है कि उनके विपरीत जाकर तर्क/बुद्धी/विवेक का प्रयोग मानो हराम जैसा हो..उनकी कही बात मानो जैसे इस्लाम की कसोटी व आख़िरी बात हो (जो धारणा मुसलमानों में आम हो चुकी है)….
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ख़ैर..जबकि क़ुरआन की तरफ नज़र करनें पर ”आलिम” का कुछ अलग ही अर्थ मिलता है..हम क़ुरआन द्वारा बताया गया ”आलिम” का अर्थ आज के मुसलमानों में प्रचलित अर्थ से बिल्कुल विपरीत पाते हैं…
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अब प्रश्न उठता है फिर क़ुरआन नें किस संदर्भ में उल्मा शब्द का प्रयोग किया है (उल्मा-आलिम का बहुवचन है)..
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उल्मा शब्द मूल धातु(root word) ऐंन,लाम,मीम ( ﻉ ﻝ ﻡ ) से बना है जो क़ुरआन में 854 बार सामान्य ज्ञान(general sense of Knowledge) के लिये प्रयोग हुआ है..पूरे क़ुरआन में कहीं भी यह शब्द मात्र धार्मिक ज्ञान के लिये प्रयोग में नहीं आया बल्कि हर क्षेत्र की जानकारी/ज्ञान के लिये ”इल्म/ज्ञान” प्रयोग हुआ…
उधारहण के लिये..क़ुरआन 26:34 में ”अलीम”(जादू के क्षेत्र में माहिर लोगों के लिये) शब्द का प्रयोग हुआ है (जिसकी मूल धातु “”इल्म”” है)
”’ﺎﻝَ ﻟِﻠْﻤَﻠَﺈِ ﺣَﻮْﻟَﻪُ ﺇِﻥَّ ﻫَٰﺬَﺍ ﻟَﺴَﺎﺣِﺮٌ ””ﻋَﻠِﻴﻢ””
”’ उसने अपने आस-पास के सरदारों से कहा, “निश्चय ही यह एक बड़ा ही प्रवीण जादूगर है (34) सूरह शूरा”’
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क़ुरआन में दो जगह उल्मा(आलिम का बहुवचन) शब्द आया है…
1).. ”’ क्या तुमने नहीं देखा कि अल्लाह ने आकाश से पानी बरसाया, फिर उसके द्वारा हमने फल निकाले, जिनके रंग विभिन्न प्रकार के होते है?और पहाड़ो में भी श्वेत और लाल विभिन्न रंगों की धारियाँ पाई जाती है, और भुजंग काली भी (27) और मनुष्यों और जानवरों और चौपायों के रंग भी इसी प्रकार भिन्न हैं। अल्लाह से डरते तो उसके वही बन्दे हैं, जो बाख़बर(उल्मा/ज्ञान वाले) है। निश्चय ही अल्लाह अत्यन्त प्रभुत्वशाली, क्षमाशील है (28) सूरह फातिर”’
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उपर दी गयी दो आयतो में अल्लाह लोगों को चिंतन/मनन/विचार के लिये आमंत्रित करता हैै….
जैसे…
A)वर्षा बननें की प्रक्रिया व धरती पर उसका बरसना(जिसका अध्यन eteorology या hydrology कहलाता है)
B) विभिन्न प्रकार व रंग के फलों का पैदा होना(जिसका अध्यन agriculture,farming, zoology, botany कहलाता है)
C) पर्वतों से संबधित (जिनका अध्यन Geology, Geography …)
D) विभिन्न रंग रूप के मानवों का होना ( Phylogenetics)..
E) इसी प्रकार जानवरों का होना( Scientists, Ecologist)
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आगे आयत कहती है..जो लोग पूर्ण ज्ञान(उल्मा शब्द का प्रयोग हुआ) रखते हैं वही लोग अल्लाह का डर रखनें वाले हैं…
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या सीधे शब्दों में कहें तो जो लोग meteorology, hydrology,agriculture, farming, zoology, botany, geology,phylogenetics, ecology and science का ज्ञान रखते हैं वही इस आयत में उल्मा कहे गये…
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2)दूसरी जगह क़ुरआन कहता है..
”’ क्या यह उनके लिए कोई निशानी नहीं है कि इसे बनी इसराईल के विद्वान जानते है? (197) …यहां बनी इसराईल की कौम के उलमा को संबोधित किया गया..
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निष्कर्श: किसी भी विषय का ज्ञान रखनें वाले को आलिम कहा जाता है और पोस्ट का उद्देश्य यह संदेशा देना भी है कि कुरआन सिर्फ दीन सीखनें सिखानें की ही बात नहीं करता बल्कि दुनियावी/सांसारिक इल्म हासिल करनें पर भी ज़ोर देता है….

लेखन : खुर्शीद इमाम

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