पहले तो यह ग़लत फेहमी दूर कर लीजिये कि भारत मैं इस्लाम 100-200 साल से है… भारत मैं इस्लाम की शरुआत600AD से है हो चुकी थी… अरब के सौदागर सिंधु नदी के तट पर व्यापार करने आते थे (जो सोना/मसाले/अफ्रीकन गुड्स वगैरह) यहाँ लाकर बेचते थे… यही लोग (व्यापारीगण) इस नये धर्म इस्लाम को अपने साथ भारत में भी ले आये(और लोगों को इस नये धर्म की शिक्षाओं से अवगत कराया)….बस यहीं से भारत में इस्लाम के उदय की नींव रखी गयी… .ख़ुद भारत की पहली मस्जिद ”चीरामन जामा मस्जिद”’ भारत के पहले मुसलमान (पूर्व नाम चीरामन पारूमल भास्कर रवि वर्मा) द्वारा 629 AD(ई०)(जब पैगम्बर ऐ इस्लाम मुहम्मद सल्ल० इस संसार में हयात/मौजूद थे), भारत के केरला प्रांत में बनाई गयी ..यह तो रहा आपके us सवाल का जवाब कि भारत मैं इस्लाम का इतिहास 100-200 साल पुराना नहीं बल्कि 1400 साल पुराना है…दूसरी बात इससे क्या फ़र्क़ पड़ता है कि भारतवासी पहले क्या थे… ज़्यादा नहीं कुछ सदियों पहले ही चले जाये भारत मैं छोटे छोटे क़बीले/जंगलों मैं रहने वाले आदिवासी लोगों की भरमार थी जिनको यह भी नहीं पता था कि धर्म भी कोई चीज़ होती है… उस हिसाब से आपके ग़ैर मुस्लिम भाई को यह भी कहा जा सकता है भाई आपके पूर्वज आदिवासी या जंगली थे….. क्या आपके मित्र आदिवासी बन जायेंगे….मान लिया कि सब हिन्दू थे तो इससे क्या साबित हो जायेगा…. आज भी बहुत से लोग धर्म परिवर्तन कर दुसरे धर्म अपना लेते है या नास्तिक हो जाते है तो क्या इसमें भी कोई गर्व करने की बात है…. हैं तो सब इंसान ही..मैं समझ रहा हुँ आपके मित्र नें यह प्रश्न क्यूँ किया है उनसे कहिये… हम सब इंसान थे बस और कुछ नहीं
(फ़ारूक़ खान)