आज तक इस्लाम छोड़ कर दुनिया मे जितने भी धर्म है उन के गुरुओं ने ये नही कहा के मेरे बाद कोई भी ईश्वर का दूत ,नबी, नही आयेगा। सिवा मोहम्मद साहब के ऐसा क्यों?

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पहले गुरु और ईशदूत मैं विभेद कीजिये..गुरु एक ज्ञानी/भले/सत्कर्मी इंसान को बोला जाता है(साधारणतय) जो अपने शिष्यों को ज्ञान देता है सत्य मार्ग दिखता है, लेकिन ईशदूत वह गुरु होता है जिसपर ईश्वरअपनी वाणी अवतरित करता है यानि जो ईश्वरीय आदेश मानवों तक पहुंचाने होते है वह सन्देश/आदेश ईश्वर मानवों मैं से ही अपने दूत चुनकर उनपर अवतरित करता है बस अंतर इतना है हर ईशदूत गुरु होता है लेकिन गुरु ईशदूत नहीं हो सकता…ईसामसीह /आदम(स्वयंभू मनु)/हज़. नूह(जल प्लावन वाले मनु)/हज़. इब्राहिम/… इन सब ईशदूतों नें अपने बाद मोहम्मद सल्ल के आने की भविष्य वाणी की और कहा कि भविष्य मैं एक आख़िरी ईशदूत आएगा.. जो मोहम्मद सल्ल के बाद ईशदूत आने का सिलसिला ख़त्म कर दिया गया….डॉ वेदप्रकाश उपाध्याय द्वारा अनुवादित ऋग्वेद 2/3/2, 5/5/2 एवं अथर्ववेद 20/127/1-3 से अंतिम दूत का इशारा मिलता है (कितना सही है शोध का विषय है क्यूंकि अनुवाद करने वालों नें अपनी अपनी तरह इन श्लाकों की व्याख्या दी है)..इस ही तरह बाइबि(John 16:8/16:7/14:16) Gospal मैं अंतिम दूत प्रोफेट मोहम्मद सल्ल का वर्णन है… इस ही तरहओल्ड टेस्टामेंट(तौरात-यहूदियों की kitab) मैं वर्णन है…

(फ़ारूक़ खान)

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